"एक नई शुरुआत करते हैं"(कविता)
अंधियारी रात को अलविदा बोल उगते सूरज के साथ में एक नई शुरुआत करते हैं फिर से जिंदगी का आगाज करते हैं पुराने रिवाजों की बेड़ियां तोड़ लोगों की सोच से आगे बढ़कर जिंदगी को नया आयाम देकर फिर से एक नई शुरुआत करते हैं लोगों के उलाहाना से दूर कानों में रुई ठूंस कर सब को नजरअंदाज करके फिर से एक नई शुरुआत करते हैं तुम चल सको तो साथ चलो राहों में मेरे हमसफ़र बनो मंजिल तलाशने का सफर एक नई शुरुआत करते हैं Written by कमल राठौर साहिल