"छोटी छोटी खुशियां"(कविता)
छोटी छोटी खुशियां मन को खुश कर जाती हैं इतना वो चिड़िया का धीरे से आना दाना पानी लेकर उड़ जाना वो कितने सारे फूलों का खिलना मुरझाने से पहले ईश्वर के चरणों में शीश नवाना वो मधुमालती के श्वेत पुष्पों का रात्रि के अंधेरे में खिल खिल जाना, तारों सी महफ़िल लगाना, सुबह में गुलाबी आभा में बदल जाना वो फूलों की खुशबुओं का सारी फिजा में बिखर जाना ये देख मेरे अन्तर्मन का प्रफुल्लित हो उठना और कहना ऐसे ही ज़िन्दगी में खुशियों का आते रहना। Written by साधना साह