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"योग से निरोग जीवन"(कविता)

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रोज सुबह जो ये काम हो जायेगा। योग से निरोग जीवन हो जायेगा।। मात्र कल्पना की उड़ान मत भरना। तोड़ी मेहनत करना तो हो जायेगा।। योग हमसे,दुनिया भर में योग हो जायेगा। इतिहास के पन्नो में योग लिखा जायेगा।। न बी पी न सुगर त्वचा में निखार आ जायेगा। योग ही वो दवा है जो काम आ जायेगा।। विश्व को योग दिया भारत ने। विश्व मे गुड़गान गाया जाएगा।। गुरु और ज्ञान दिया भारत ने। सफल विश्व का मार्ग हो जायेगा।। खुशियों की सुगन्ध बयार बहायेगा। स्वस्थ हो जीवन जो योग अपनायेगा।। मूल मंत्र जीवन का हो जायेगा। योग जो जीवन मे अपनायेगा।। 21,जून को योग दिवस मनाया जायेगा। क्या नेता,क्याअभिनेता,  वो भी योग करता पाया जायेगा।। योग से हर रोग संतुलित हो जायेगा। हर मनुष्य स्वस्थ हो जायेगा।। Written by  कवि महराज शैलेश

"योग दिवस"(लेख)

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 योग दिवस(लेख) *** कल पितृ दिवस था,आज योग दिवस हर दिन कोई न कोई दिवस ही है। चलिए आज बात करते हैं, योग दिवस की।आज समाज बहुत सजग है,जगह-जगह आज के दिन योग करते लोग मिल  जायेंगे।विभिन्न संस्थान भी  अपनी-अपनी तरह से इस दिवस को मनाते हैं। योग आज के युग में लोगो के मन मस्तिष्क तक पहुँच रहा है।मनुष्य ने न केवल योग सीखा है, ब्लकि  योग को अपने जीवन की दैनिक चर्या शामिल किया है, जो उचित भी है योग के माध्यम से हमारा शरीर स्वस्थ एवं हष्ट-पुष्ट रहता है। निरन्तर योग करते रहने से असाध्य रोगों से छुटकारा भी मिल जाता है।इस भागम-भाग भरें जीवन में सभी क्रियाएँ जटिल हो गई है, जिसका एक कारण मनुष्य का भौतिकता की ओर उन्मुख होना है।सभी भाग-भाग कर अपना काम करते हैं और जल्दी काम निपटाने के लिए वे मशीनों पर निर्भर हो गए हैं।ऐसे में अपने स्वास्थ्य के लिए योग की ओर उन्मुख होना स्वाभाविक है। आज हम जो योग कर रहे हैं, पूर्व समय में यह दैनिक जीवन की सहज क्रियाएँ थी,जैसे-साईकिल चलाना, सुबह-सुबह स्त्रियों द्वारा चाकी चलाना, दही बिलोना ,मीलों तक पैदल चलना।अब यही सारी क्रियाएँ हम योग में करते हैं, कुछ व्यायाम में आर्थिक खर

"योग"(कविता)

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प्रातः कालीन बेला में   नियमित जो भी        योग करेगा    तन-मन,अन्तर्मन से       जीवन -पर्यन्त         निरोग रहेगा !!  योग गुरु से पाकर ज्ञान  होता है जो अंतर्ध्यान जीवनशैली जाती निखर सकारात्मक होता असर!  जो भी प्राणी भ्रामरी, भस्त्रिका,शुचि,अनुलोम,             विलोम करेगा मनः शुद्धिकरण होगा रोम-रोम प्रफुल्लित होगा  सदा निरोग्य बना रहेगा    जीवन-सुख भोग्य        करता रहेगा !! योग जीवन में  खुशियां लाता परहित सेवा -भाव       सिखाता !!           ईश प्रदत  शक्ति साधन का  मान करें सम्मान करें,    सुंदर और सुदृढ़      व्यक्तित्व का  जीता जागता प्रमाण बने!   सर्व विभूति शक्तियों का    ये नश्वर तन धरोहर  गर परखी नजर से परखें    पाएंगे बहुमुल्य मोहर !! यौगिक-क्रिया कलापों से   तन-मन को सँवार लें  वेद-पुराण-शास्त्र निहित ज्ञान अन्तस् में उतार लें ! Written by  वीना उपाध्याय

"योग की माया"(कविता)

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 योग की देखो अद्बुत माया रोगहीन   कर देता है काया प्रयोगों की इस दुनिया मे देश -विदेश तक योग है  छाया उल्टा  सीधा है   जो भी खाया योग   ने    उसको   खूब पचाया कोरोना    को  धराशाही कर डाला योग ने योग  का   ही    परचम लहराया अनुलोम  हो  या     हो  विलोम इन्होंने  मजबूत  फेफड़ों को बनाया भ्रामरी   हो   या     फिर भस्त्रिका  शरीर    का  हर    अंग मजबूत बनाया पद्मासन हो या ध्यान की मुद्रा मन को तन को स्वस्थ बनाया Written by विपिन प्रधान

"विश्व योग दिवस"(दोहे)

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विश्व योग दिवस दिनांक 21,06,2021 के अवसर पर ,सभी भारत वासियों को शुभ शुभ बधाई।पर्याप्त दूरी बनाकर प्रातः काल योग करें,सूर्य नमस्कार करें,सभी स्वजनों के निरोगी रहने की मंगल प्रार्थना करें।आपके लिये निम्न दोहे,,,, तन की कसरत सब करें,मन की करे न कोय। मन से योगा जो करे,दुख काहे को होय।। साँस खींचकर रोकिये,साँस छोड़िये यार। बीस बार जो भी करे,कभी न हो बीमार।। जल सेवन नित भोर कर,चलो मील दो मील। सुंदर कद,काठी रहे,बदन न होवे ढील।। डनलप गद्दा छोड़िये,लेटो तख्ता भूमि। भोर पहर कसरत करो,घूमो दिन भर झूमि।। मेहनत इतना कीजिये,बहे पसीना पीठ। पेट,बदन सुडौल बने,मन होवे निर्भीक।। Written by  मयंक किशोर शुक्ल वरिष्ठ कवि लेखक साहित्य सम्पादक