"तेरी मोहब्बत मेरी नौकरी"(कविता)
आंखो में अश्कों का सैलाब है ! तेरी मोहब्बत मेरा जॉब है ! हारूं मैं या जीतूं नहीं गम है मुझको ! मेरे नजर में तू एक खिताब है ! तेरी मोहब्बत मेरा जॉब है ! आंखों से आंसू की बूंदें रिसकती ! तुझसे हो दूर तारे हैं गिनती ! मिलने को दिल ये अब बेताब है ! तेरी मोहब्बत मेरा जॉब है ! बेचैन आंखे हैं रोती सिसकती ! देखे तुम्हे बस नजर ये तरसती ! मिलने का तुझसे मेरा ख्वाब है ! तेरी मोहब्बत मेरा जॉब है ! कैसे भुलाऊं वो लम्हें पुराने ! हैं याद मुझको पल वो सुहाने ! चेहरे पे तेरे क्यों ये नकाब है ! तेरी मोहब्बत मेरा जॉब है ! Written by आशुतोष मिश्र 'सांकृत्य'