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"आओ ना पापा"(कविता)

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याद तो करता हूं मिलने को फरियाद भी करता हूं क्यों हो इतना मुझसे दूर अब कोई नहीं करता तुम जैसा प्यार मुझे पापा रोना चाहता हूं रो नहीं पता हूं मैं पापा इतनी जिमेदारी डाल दी मुझ पर ही मेरे पापा क्यू हो तुम हम सब से इतना दूर चाह कर भी गले से नही लगते मेरे पापा मैं खुद से रूठता हूं खुद मैं ही खुद को मानता हूं आप जैसा प्यार नहीं मिलता मेरे पापा बोझ सी लगती है जिंदगी मेरी अभी तो संग तुम्हारे खेलना चाहता हूं आ जाओ ना संग मेरे पापा मिलना चाहता हूं आओ ना मेरे पापा गले से लगा लो न मेरे पापा Written by  लेखिका पूजा सिंह

"सुना था"(कविता)

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कभी दोस्त रुलाता नहीं कभी दोस्त उलझाता नहीं कभी दोस्त सताता नहीं कभी दोस्त दिल दुखता नहीं कभी दोस्त छोड़ कर जाता नहीं कभी दोस्त ऊंचाई से धक्केलता नहीं दोस्ती की मिशाल देकर कहा निकल गए तुम कहा इन बातो में उलझ गए तुम Written by  लेखिका पूजा सिंह

"मैं मरू तो"(कविता)

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 मैं मरू तो ये गुलाब ले आना तुम चाहो तो पूरा बगीचा बना देना मैं मरू तो मिलने चले आना तुम चाहो तो रोज कब्र पर हाथ फेर आना में मरू तो थोड़े आशु बहा लेना तुम चाहो तो पार्टी जस्न कर लेना मैं मरू तो मेरे शरीर पर हाथ फेर लेना तुम चाहो तो मुझे कांदा दे देना मैं मरू तो एक फोटो ले लेना  तुम चाहो तो DP पर miss you लिख देना मैं मरू तो मेरे तेरवी में खाना खाने आ जाना तुम चाहो तो सब का हाथ बटा देना Written by  लेखिका पूजा सिंह

"शुभकामनाएं"(कविता)

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Birthday था आप का और तैयारी मैं कर रही थी कैसे Wish करू मैं बस यही सोच में डूबी थी आया वो दिन आज पास जब God Wishes के बजाय बस ढेर सारी Complaint तो कर रही थी पता नही ये मन को गुस्सा था या मैं आप से कुछ और  ही कहना चाहती थी चाहे कुछ भी हो मेरी सारी Complaint तो सच्ची ही थी ना पर कुछ भी कहो Birthday Wish भी तो मैंने आप को पूरे सच्चे दिल से ही किया था चाहे Complaint मेरी आप से कितनी भी हो आपने ही तो कहा था ना लड़ते भी तो हम उन्हीं से है जिनसे हमे Expectations होता हो तो बस यही Expectations बनी रहे हमारे दोस्ती के बीच Written by  लेखिका पूजा सिंह

"मैं ठीक हूं"(कविता)

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 मैं ठीक हूं औरों के मुताबिक तो नहीं लेकिन मै ठीक हूं हां माना चलना नहीं आता लेकिन धीरे धीरे ही सही कदम से कदम मिलाती हूं ना मैं ठीक हूं औरों के मुताबिक तो नहीं लेकिन मै ठीक हूं हां माना ठीक से बोल चाल नहीं आता लेकिन रुक रुक कर ही सही अपनी बात तो पूरी करती हूं ना मैं ठीक हूं औरों के मुताबिक तो नहीं लेकिन मै ठीक हूं हां माना कुछ Prefect काम  करना तो नहींआता लेकिन कोशिश तो पूरी करती हूं ना मैं ठीक हूं औरों के मुताबिक तो नहीं लेकिन मै ठीक हूं हां मैं ठीक हूं Written by  लेखिका पूजा सिंह

"बताओ ना"(कविता)

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कुछ पूछूं क्या तुम बता पाओगे चलो मान लिया तुम्हे मुझसे प्यार है तुम मेरे कमियों के साथ मुझे accept कर पाओगे क्या चलो मान लिया तुम्हे मुझसे प्यार है दिन भर में रोज मेरा हाल पूछ पाओगे क्या चलो मान लिया तुम्हे मुझसे प्यार है अगर हम दोनो घूमने जाए कहीं तुम मेरे साथ comfortable feel कर पाओगे क्या और अगर चलते चलते गिरी मैं तो हर बार मुझे संभाल पाओगे क्या चलो मान लिया तुम्हे मुझसे प्यार है एक बात बताओ मेरे साथ वाली photo को अपनी whats App, Instagram, Facebook  या Other Application की सबसे प्यारी D.P. बना पाओगे क्या अगर हां तो मुझे भी तुम से प्यार है चलो मान लिया तुम्हे मुझसे प्यार है अगर बीमार पड़ी तो तुम मेरे घर तक आ कर हाल पता पूछ पाओगे क्या चलो मान लिया तुम्हे मुझसे प्यार है अपनी Family के सामने मुझे accept कर पाओगे क्या अगर हां तो मुझे भी तुमसे प्यार है Written by  लेखिका पूजा सिंह

"तू है कौन"(कविता)

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तितली पूछ रही मैं हु कौन फूलो की दीवानी मैं तो तू है कौन फूलो में लहराती बलखाती मैं फूलो की दीवानी मैं तो तू है कौन फूलो के रंगों के रंग जैसी मैं उसके रंग को भाऊ में उसके रंगों में स्माऊ मैं तो तू है कौन फूलों की दीवानी मैं फूलो की मतवाली मैं फूलो की तरह दिखती मैं तो तू हैं कौन फूलो पर जब तू है विराजता फूलो की मुसकान फीकी पड़ जाती तो तू हैं कौन बच्चें भी है डरते तेरे से संग चलते मेरे पीछे जब तक हाथ न आऊं जब तक रहते संग मेरे तो तू है कौन Written by  लेखिका पूजा सिंह

"मां ही थी वो"(कविता)

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 पैदा होने पर दुखी सब थे दर्द के बाद भी खुश मेरी मां थी दफनाना तो चाहा सब ने मुझे बचाने वाली मेरी मां थी शिक्षा से नकारा सब ने शिक्षा देने वाली मेरी मां थी कॉलेज के लिए रोका सब ने कॉलेज भेजने वाली मेरी मां थी लड़के वालों से बात की सब ने मेरी इक्छाए पूछने वाली मेरी मां थी Written by  लेखिका पूजा सिंह

"Special कौन"

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 Real Life Story ऐसे boy का क्या फायदा जो अपनी Sister की Care और Help न करें ? Sister :- भाई देख ना मेरा phone 1 Week हो गए नहीं चल रहा अब तो चला जा  Brother :- हां ठीक है शाम को चला जाऊंगा Sister :- अब शाम से कल हो जाएगा तेरा Brother :- आज पक्का Sister :- आज भी देख लेती हूं तुझे Naxt day No response next day to next day Sister :- किसी Phone ठीक करने वाले को Shop's में दे आ Brother :- नहीं में नहीं जा रहा Sister :- Please चल ना मैं किसी अच्छे Storekeeper को नहीं जानती Brother :- ठीक है मैं बाद में चला जाऊंगा Sister :- कब तक बाद-बाद करेगा और ये बता दें ? Brother :- अब मैं नहीं जा रहा Sister :- Oye चला जा ना भाई Please Request for you Brother :- 😡खुद नहीं जा सकती है ज्यादा मत बोला कर Sister :- 😠 पहले ही बता देता नहीं करावाएगा तो मैं किसी और को बोल देती Brother :- तो अब क्या करवा ले Sister :- ठीक है कम बोल अब Brother :- Okay Sister :- Phone Storekeeper का कौन-सा अच्छा है ये बता अब ? Brother :- ---No response--- Sister :- मत बोल ? मुझे अब कोई काम भी मत बोलियों तु अपना 😤 Storekeeper

"संस्कार"(कविता)

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 लड़कियों को सिखाया जा रहा था संस्कार अपने कुछ Private कपड़े यूँ धूप में ना सुखाया करो उन पर कुछ हल्के कपड़े डाल दिया करो तुम्हे तमीज सिखाई नहीं गई है क्या ये तो था लड़कियों के लिए संस्कार लड़की को अकेला देख उन पर क्यों झपटा मारते हो इन्हे किसी ने नहीं बताया ये नहीं है इनका संस्कार लड़की को कहा जाता गलत करी तो तू जिंदा दफना दी जाएगी क्यों नहीं कहा गया लडको को भी मौत के घाट उतार दिया जाएगा कहा गया बराबर वाला संस्कार Written by  #लेखिका_पूजा_सिंह

"दफ़न हुआ"(कविता)

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 अधूरी- सी तस्वीर सब को पसंद मेरी बात तब दफ़न हुई जब पूरी तस्वीर देखी हां माना तस्वीर झूट बोलती मेरी अधूरी- सी  पूरी नहीं दिखती बात यह दफ़न हुई क्युकी पूरी -सी अधूरी नही दिखती तस्वीरें मेरी Written by  #लेखिका_पूजा_सिंह

"जिंदा लाश"(कविता)

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हर बार कोशिश करती हूं आंखों में अश्क छुपाने की ढिट हो गए है छुपाए नहीं छुपता मैं करूं तो क्या करूं डरती हूं यही सोच कर प्यार की बगिया लगाने से दोस्ती की उजड़ न जाए फिर ये कही मैं करूं तो क्या करूं भूल गए है अब मुझे एक बिता हुआ कल जान कर नहीं हूं आज के काबिल मैं मैं करूं तो क्या करूं महका करती थी  खुशियों की बगिया मेरे जीवन में अब बंजड़ सी हो गई है मैं करूं तो क्या करूं छोड़ दिया है बसाना मैंने दिल की धड़कन में मैं करूं तो क्या करूं अब जिंदगी से जी भर गया क्यू मौत भी आती नहीं हैरान हूं यही सोच कर मैं करूं तो क्या करूं जिंदा होकर भी मैं जिंदा नही एक लाश के समान हूं मैं करूं तो क्या करूं ऐ जिंदगी देने वाले तू ही बता अब मैं करूं तो क्या करूं Written by  #लेखिका_पूजा_सिंह

"बंदिश में नहीं"(कविता)

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 Online तू किसी और के साथ Data मेरा ख़त्म हो रहा था चाहा कर भी नहीं कर पाई message मै शायद ये हक भी मेरा खो रहा था हां मुझे हक जताना तो नहीं आता जब तक चल रही हमारी दोस्ती तो साथ मिलकर चला लूंगी मै हमारी दोस्ती को यूं न बंदिश में रखूगी मै पूछेंगे लोग तो कोई बहाना बता दूंगी मै Written by  #लेखिका_पूजा_सिंह     

"राम जी"(कविता)

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राम तुम्हारे में था बहुत हिम्मत तुम्हें थी अद्भुत सी शक्ति कठिन से कठिन परीक्षा भी पार कर गए राम तुम बने थे अच्छे बेटे तुम थे कश्मकश के घेरे मे तुमने निभाया अच्छा बेटे का फर्ज न निभा पाए अच्छे पति का फर्ज तुमने बचाया रावण से उन्हें फिर भी उन्हे ही त्याग दिया न दे पाए साथ पति पत्नी का सीता ने तो अपना घर था त्यागा वो जाए तो जाए कहा जंगल को ही अपना घर था बनाया लव कुश को तुम्हारा नाम था जपाया उन्हें अपना भगवान था बताया जय श्री राम का जप था करवाया अंतिम समय में उन्हें भी क्या मिला वो धरती में गई समा तुम्हारे हर परीक्षा को था किया पूरा तुम न कर पाए पति का फर्ज पूरा वो गई अपना हर फर्ज पूरा कर सब कुछ त्याग गई वो धरती में गई समा वो Written by  #लेखिका_पूजा_सिंह

"होली की उमंग"(कविता)

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खुशियों का त्योहार है होली रगों का नाम है होली अपनो के संग है होली रंगों का बौछार है होली रगों के संग है होली दुश्मनों का नाम है होली जिससे बदनाम भी है होली रंगों का बहार है होली रंगों का पैगाम है होली अपनो के संग हो होली गीतो की शान है होली दुश्मनो से प्रेम बोल है होली गुलाल का उमंग है होली अपनो का अरमान है होली रंगों की शान है होली अपनो के संग हो होली रंगों का पैगाम है होली अपनो का उमंग है होली खुशियों का त्योहार है होली Written by  #लेखिका_पूजा_सिंह

"चांदी जैसे बाल"(कविता)

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चांदी चांदी जैसे बाल आप के बड़ा प्यारा मुखड़ा लगता आप का चांदी वाले बाल से आप का नही होता सफ़ेद ये नहीं होता कोई धब्बा इस पर मेहनत दिखाती आप की तरुजबा भी बताता आप का ये चांदी जैसेे बाल आप के यहीं चेहरे का शोभा बड़ता यही सुंदरता को है निखारता चांदी चांदी जैसे बाल आप के Written by  #लेखिका_पूजा_सिंह

"तेरे घर आने से"(कविता)

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खुशी है तेरे मेरे घर आने से न जाने कैसा संबंध होगा तेरे मेरे घर आने से अब तक तो है हम अच्छे दोस्त की तरह अब रिश्ता कैसा होगा अच्छा है हमारा रिश्ता मधुर बना रहे हमारा रिश्ता आगे चल कर न जाने कैसा होगा नोक झोंक वाला रिश्ता तेरे मेरे घर आने से अब तक तो न कोई है रोक टोक रिश्ते में आगे चल कर न जाने कैसा होगा तेरे मेरे घर आने से Written by  #लेखिका_पूजा_सिंह

"सामना"(कविता)

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 बारिश तो आज भी हो रही जैसे कल तक हुआ करती थी ना जाने कैसे बारिश को भूल सी गई मैं जैसे कल तक झूमा करती थी आज कलम कॉपी पकड़ कर बैठी हूं कल तक तो नाव बना दिया करती थी बारिश तो आज भी हो रही जैसे कल तक हुआ करती थी नाव के पीछे पीछे चलना तालियां बजा बजा कर झूमना आज वो बचपन बारिश में कहीं गुम सा गया बारिश तो आज भी हो रही जैसे कल तक हुआ करती थी बचपन में तो कभी नोटिस ही नही किया था लेकिन आज बहुत कुछ नोटिस हो रहा कौवे आज कैसे पैड़ की डाली पर बैठे अपने पंखों को चोंच से सहला रहे लेकिन आज बहुत कुछ नोटिस हो रहा बारिश तो आज भी हो रही जैसे कल तक हुआ करती थी पते कितनी खूब सुरती से अपना रंग बिखेर रहे कलिया हल्की हल्की सी मुस्कुरा रही चिड़िया ची ची कर गुनगुना रही बारिश तो आज भी हो रही जैसे कल तक हुआ करती थी लेकिन मैं बिता हुआ कल खोज रही थी न जाने कौन से कल में डूबी थी मैं बारिश तो आज भी हो रही जैसे कल तक हुआ करती थी Written by  #लेखिका_पूजा_सिंह

"कलम की कमाल"

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  खुदा ने क्या तकदीर लिखी है मेरी खुदा कभी कभी तो लगता है खुदा तू तकदीर पूरा करना ही भूल गया होगा खुदा इसलिए तो खुदा मुझे पूरा करना ही भूल गया खुदा ने क्या तकदीर लिखी है मेरी खुदा कभी कभी तो लगता है खुदा तेरे कलम की इंक ने तुझे धोखा दिया होगा खुदा इसलिए तो खुदा ने भी हर धोखे बाजों से मिलवाया खुदा ने क्या तकदीर लिखी है मेरी खुदा कभी कभी तो लगता है खुदा तू ऐसा क्या सोच रहा होगा खुदा इसलिए तो खुदा आज भी सोच में डाल दिया खुदा ने क्या तकदीर लिखी है मेरी खुदा कभी कभी तो लगता है खुदा तुझे मेरी तकदीर लिखने ही नही आया खुदा इसलिए तो खुदा मुझे खुद से लिखना नही आया खुदा ने क्या तकदीर लिखी है मेरी खुदा कभी कभी तो लगता है खुदा तकदीर लिखते हुए एक मज़ाक किया होगा खुदा इसलिए तो खुदा मेरी जिंदगी भी एक मज़ाक बना दिया खुदा ने क्या तकदीर लिखी है मेरी खुदा कभी कभी तो लगता है खुदा मेरी तकदीर लिखते हुए किसी ओर की भी तकदीर बनाया होगा खुदा इसलिए तो खुदा ने जिसे भी मिलवाया वो भी किसी और के बारे में सोचता खुदा ने क्या तकदीर लिखी है मेरी खुदा कभी कभी तो लगता है खुदा तू तकदीर लिखते हुए खुदा कि आंख बंद हो गई होगी खु

"मैं ठीक हूँ"(कविता)

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मैं ठीक हूँ औरों के मुताबिक तो नहीं लेकिन मै ठीक हूँ हां माना चलना नहीं आता लेकिन धीरे धीरे ही सही कदम से कदम मिलाती हूँ ना मैं ठीक हूँ औरों के मुताबिक तो नहीं लेकिन मै ठीक हूँ हां माना ठीक से बोल चाल नहीं आता लेकिन रुक रुक कर ही सही अपनी बात तो पूरी करती हूँ ना मैं ठीक हूँ औरों के मुताबिक तो नहीं लेकिन मै ठीक हूँ हां माना कुछ Prefect काम  करना तो नहीं आता लेकिन कोशिश तो पूरी करती हूँ ना मैं ठीक हूँ औरों के मुताबिक तो नहीं लेकिन मै ठीक हूँ हां मैं ठीक हूँ Written by  #लेखिका_पूजा_सिंह