"तेरे बिन मुझको रहा जाता नहीं"(कविता)

रूठ जाते है अक़्सर राह में हमसे

झूट बोलने का हुनर हमको आता नही


चाँदनी रात में गुफ्तगूं हम करे

तुम साथ हो चुप रहा जाता नही


छीन लो मेरे आशुओँ को सनम

साथ हो तुम तो लबो को सिला जाता नही


तुम मिले मुझे दुआओ का असर

तेरे बिन मुझको रहा जाता नही


तेरा साथ जैसे जुगनूओ का उजाला

 रात का ये डर मुझे डराता नही

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