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"पिता कि शान"(कविता)

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ज़िन्दगी के हर हिस्से से पहचान बहुत  है। पिता  से जीवन में शान और सम्मान  बहुत है। -------------------------------------------------- पीता हर आपदाओं से पहले पहचान जाता है। वक्त के हर घटनाओं से प्रभावित  है, इस लिए  जान जाता है। ------------------------------------------------------ पिता ओ कोहिनूर हीरा है,हर पल ऊजाला देता है अंधेरा तो इर्द-गिर्द  भटकता नहीं हर संकटों को  सम्भाल लेता है। ------------------------------------------------------- कभी  अंगुली  को पकड़ें कर चलना सिखाया।  कभी  आपनी डांट फटकार से सही  रास्ता  दिखाया। --------------------------------------------------------- कभी टूटते हौसले के नया हौसला दिया । कभी बड़ी से बड़ी गलतियों  को माफ कर दिया।  --------------------------------------------------------- धूप गर्मी  बरसात से लड़ता  रहा परिवार के लिए।  परिवार से ही परिवार के लिए दूर चला गया परिवार के लिए।  ------------------------------------------------------- पिता की अहमियत कभी  भी कम नही  होता । दर्द  को झेलते  हुए भी आखें  नम नहीं  होता। -----------------------------------

"काश कुछ कर पाते"(कविता)

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 अलविदा  कहती साँसों को काश उन्हें बचा पातें। कुछ पल उनके जीवन कि सासें हम भी बन जातें। घुटती तड़पती साँसो में  कुछ आक्सीजन भर पाते। दम तोड़ती साॅसो ,को काश अगर कुछ  कर पाते। खो दिए सब ने सपनों को ,खो दिए अपने अपनो को। सिस्टम से हालात जर-2हुआ ,कुछ ना रहा कहने को। रोते बिलखते जाते हैं ,दर-दर ठोकर  खाते हैं । लौटा दे सासें कोई किसी का ,सोशल मीडिया  पर गुहार  लगाते हैं।  अपने हो या गैर देखकर  सब कि आँखें भर जाती हैं।  कुछ बेरहमी दिलों के अन्दर करुणा नहीं भर पाती हैं।  प्राकृति का वरदान  है, जीवन काश अगर समझ जाते। कोशिश करके साॅसों को सासें देखकर  वापस लाते। अलविदा कहती साँसों  को काश उन्हें बचा पाते। कुछ पल उनको जीवन का सासें हम  बन जाते। काश उनके दर्द में अपनी दर्द  को साझा कर पाते अलविदा कहतीं साॅसों में अपनी सासें भर पाते। Written by  अली अंसारी

"संसार में पर्यावरण"(कविता)

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 संसार के आवरण में  पर्यावरण का महत्व है। जैसे ठोस ,द्रव गैस और पानी का महत्व है। संसार मे पर्यावरण को सदा शुद्ध  बनायेंगे।  गांव, मुहल्ले, शहर, कशबे मे ज्यादा वृक्ष लगाएंगे  संसार एक परिवार है कुछ नया सिख सिखाएंगे  दूध और पानी के मेल जैसा,जीवन के अशुद्धियां दूर हो जाऐंगे।   रोटी, कपड़ा,मकान हवा जीवन के प्रथम ईकाई है इसका तो कोई और नही मानव ही उपजाऊॅ है । आऔ मिल कर प्रण करें वायुमंडल को शुद्ध बनायेंगे  इसके विघटनकारी को हम स्वेच्छा से समझाएंगे । शहर बसाने के चक्कर मे जल जंगल का विनाश हुआ।  जब साॅसो का घुटन हुआ मानव में जीवन त्राहि-त्राहि हुआ।  जागो समाजिक सेवी जागो,वायुमंडल का दम घुटता है। जल ,जमीन जंगल का नाश हुआ, इस लिए मानव  का दम घुटता है। Written by  अली अंसारी

"संघर्ष"(कविता)

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 -------------1----------- लोग हम से जलते रहते रहे पर हम  अपने संघर्षो पर चलते रहते रहे ।  बढ़ते कदम रुकते नहीं,सर कभी  झुकते नहीं। संघर्ष कि दुनियाँ है, अपनी नाकारात्मक सोच दिल में नही।  जलने वाले जलते रहे,लोगों के दिल में  हम खलते  रहे। ------------------2----------------- हम खुद पर खुद अहसान जता लेंगे।  संघर्ष से हम बुॅझी, चिराग जला लेंगे।  अमीरों के दर का हम मोहताज़ नही  संघर्ष से अपनी किस्मत बना लेंगे। -----------------3------------------------ जीवन एक  संघर्स  है,ये  मेरा   संघर्ष है। सफलता के मार्ग कठिन है,ये मेरा विमर्श है। जीवन का पथ बदल सकता है ,जो चल कर  संघर्षों पर दु:ख को सुख मे बदल सकता  है। ------------------4--------------------------------- बचपन से  संघर्ष  का  नाता  है। किस्मत और तक़दीर यही बनाता है।  जिस   ने  इसे  अपनाया  है, ना कभी जीवन में  पछताया है। ------------------5--------------------------- संघर्षशील मानव का लोग  एहतराम करते है। आज लोग  सफलता  को  सलाम  करते है। जलने वाले जलते रहे, हम संघर्षो पर चलते रहे। लिख देते तक़दीर हाथों से जो संघर्षो पर चलते रहे।  Wr