"बाल आश्वासन"(कविता)
तेरी सारी तक़लीफ़ों को दूर करूंगा माँ,मैं तनिक बड़ा हो जाऊँ रहा सलामत ये तन और ये जीवन तो नियति को भी झुकने पर मजबूर करूंगा माँ,मैं तनिक बड़ा हो जाऊँ क़िस्मत में क्या लिक्खा है ये ज्ञात नहीं पर घबराने की भी कोई बात नहीं भिड़ जाऊंगा दरियाओं तूफ़ानों से होंगे काले दिन और काली रात नहीं हर आफ़त को बेशक़ चकनाचूर करूंगा माँ,मैं तनिक बड़ा हो जाऊँ मेरा देख हौसला जब घबराएंगे दुर्दिन भागेंगे अच्छे दिन आएंगे यक़ीन रख कर अम्मा दे आशीष मुझे हम सब मिलकर नया सवेरा लाएंगे वचन निभाने की कोशिश भरपूर करूंगा माँ,मैं तनिक बड़ा हो जाऊँ Written by विद्यावाचस्पति देशपाल राघव 'वाचाल'