"तू है कौन"(कविता)

तितली पूछ रही मैं हु कौन

फूलो की दीवानी मैं

तो तू है कौन


फूलो में लहराती बलखाती मैं

फूलो की दीवानी मैं

तो तू है कौन


फूलो के रंगों के रंग जैसी मैं

उसके रंग को भाऊ में

उसके रंगों में स्माऊ मैं

तो तू है कौन


फूलों की दीवानी मैं

फूलो की मतवाली मैं

फूलो की तरह दिखती मैं

तो तू हैं कौन


फूलो पर जब तू है विराजता

फूलो की मुसकान फीकी पड़ जाती

तो तू हैं कौन


बच्चें भी है डरते तेरे से

संग चलते मेरे पीछे

जब तक हाथ न आऊं

जब तक रहते संग मेरे

तो तू है कौन

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

"जिस्म़"(कविता)

"बेटियाँ"(कविता)

"उसकी मुस्कान" (कविता)

"बुलबुला"(कविता)

"वो रात" (कविता)