"मैं मरू तो"(कविता)
मैं मरू तो ये गुलाब ले आना
तुम चाहो तो पूरा बगीचा बना देना
मैं मरू तो मिलने चले आना
तुम चाहो तो रोज कब्र पर हाथ फेर आना
में मरू तो थोड़े आशु बहा लेना
तुम चाहो तो पार्टी जस्न कर लेना
मैं मरू तो मेरे शरीर पर हाथ फेर लेना
तुम चाहो तो मुझे कांदा दे देना
मैं मरू तो एक फोटो ले लेना
तुम चाहो तो DP पर miss you लिख देना
मैं मरू तो मेरे तेरवी में खाना खाने आ जाना
तुम चाहो तो सब का हाथ बटा देना
Written by लेखिका पूजा सिंह
superb... nice...
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