"संस्कार"(कविता)
लड़कियों को सिखाया जा रहा था संस्कार
अपने कुछ Private कपड़े यूँ
धूप में ना सुखाया करो
उन पर कुछ हल्के कपड़े डाल दिया करो
तुम्हे तमीज सिखाई नहीं गई है क्या
ये तो था लड़कियों के लिए संस्कार
लड़की को अकेला देख
उन पर क्यों झपटा मारते हो
इन्हे किसी ने नहीं बताया
ये नहीं है इनका संस्कार
लड़की को कहा जाता गलत करी तो
तू जिंदा दफना दी जाएगी
क्यों नहीं कहा गया
लडको को भी मौत के घाट उतार दिया जाएगा
कहा गया बराबर वाला संस्कार
Written by #लेखिका_पूजा_सिंह
nice.....
ReplyDeleteGood
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