"मेरे मुल्क की मीडिया"(कविता)


बिच्छू के बिल में

नेवला और सर्प की सलाह पर

चूहों के केस की सुनवाई कर रहे हैं-

गोहटा!


गिरगिट और गोजर सभा के सम्मानित सदस्य हैं

काने कुत्ते अंगरक्षक हैं

बहरी बिल्लियाँ बिल के बाहर बंदूक लेकर खड़ी हैं


टिड्डे पिला रहे हैं चाय-पानी


गुप्तचर कौएं कुछ कह रहे हैं

साँड़ समर्थन में सिर हिला रहे हैं

नीलगाय नृत्य कर रही हैं


छिपकलियाँ सुन रही हैं संवाद-

सेनापति सर्प की

मंत्री नेवला की

राजा गोहटा की....


अंत में केंचुआ किसान को देता है श्रधांजलि

खेत में


और मुर्गा मौन हो जाता है

जिसे प्रजातंत्र कहता है मेरा प्यारा पुत्र

मेरे मुल्क की मीडिया!

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