"संक्षिप्त परिचय(गोलेन्द्र पटेल)"
प्रसिद्ध युवा कवि , कथाकार , आलोचक , ई-संपादक व दिव्यांगसेवी हैं।
कोरोजीवी कविता को समृद्धशाली बानने वाले नवांकुर कवियों में गोलेन्द्र पटेल का नाम विशेष स्नेह एवं वात्सल्य भाव के साथ लिया जाता है। गोलेन्द्र जी का जन्म 5 अगस्त सन् 1999 ई. में उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के अंतर्गत मुगलसराय तहसील (ग्राम-खजूरगाँव) में एक गरीब कुर्मी परिवार में हुआ है। आपके पिता का नाम श्री नंदलाल और माता का नाम श्रीमती उत्तम देवी है तथा आपकी एक छोटी बहन और दो छोटे भाई हैं। आपके पिता मजदूर हैं। गोलेन्द्र जी बचपन से ही पढ़ने में ठीक-ठाक हैं। आपने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गाँव के प्राथमिक विद्यालय एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय एकौनी से प्राप्त करने के बाद हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की शिक्षा प्रभु नारायण राजकीय इण्टर कॉलेज रामनगर वाराणसी उ.प्र. से प्राप्त की। वर्तमान में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला संकाय में स्नातक अंतिम वर्ष में हिंदी ऑनर्स से अध्ययनरत हैं।
सन् 2018 से दिव्यांग एवं दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए सेवारत हैं आप दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए आचार्यों के वक्तव्य निधि , वीडियो व रिकॉर्डिंग गोलेन्द्र ज्ञान यूट्यूब चैनल व फेसबुक golendrapatelkavi पेज़ इत्यादि के माध्यम से उन्हें उपलब्ध करते रहते हैं।
रचना :
गोलेन्द्र जी बचपन से ही कविताएँ लिख रहे हैं। आपकी कविताओं में गंवई बोली-बानी के शब्दों का सहज प्रयोग देखते ही बनते हैं। ग्रामीण परिवेश से जुड़े होने के कारण आपकी कविताओं में किसान , मजदूर , बुनकर , शोषित, उपेक्षित, बहिष्कृत-तिरस्कृत व दलित स्त्री आदि की संवेदनाएं साफ नज़र आती हैं। अतः आपकी कविताएं गहरे अर्थों में ग्रामीण परिवेश की यथार्थपरक सामाजिक अभिप्राय वाली हैं। आपके काव्यलोक में आत्मीयता और लायात्मकता है तथा साथी ही मनुष्यता को बचाये रखने का एक निरंतर संघर्ष भी। आप जीवन की संभावनाओं के शोध के कवि हैं।
प्रसिद्ध कविता
जोंक
कोरोजीवी कविता
मंत्र
गऊ
कवि के भीतर स्त्री
देह-विमर्श
कविता का कर्षित कृषक पुत्र हूँ
रोपनहारिन
मूर्तिकारिन
बुनकर की बेटी
गाँव
खेतिहर
जनतंत्र का जूता
चिहुकती चिट्ठी
सफ़र
कोरोजीवी यात्रा
घास
गूँज उठी रणभेरी
कवि कोविड काशी
सत्ता का सेतु
माँ
श्मशान से संसद तक एवं अन्य।
आपकी रचनाएँ अनेक पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती रहती हैं।
नाम - अरविंद पटेल
कक्षा - 9
प्रभु नारायण राजकीय इंटर कॉलेज,
रामनगर , वाराणसी , उ.प्र.।
काव्यगुरु :
सुप्रसिद्ध कवि श्रीप्रकाश शुक्ल ( प्रोफेसर , हिंदी विभाग , काशी हिंदू विश्वविद्यालय)
Jai ho... 🙏
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