"मां भारती"
उत्तर में पग हिमालय,
पूरब में ब्रह्मा के पुत्र,
पश्चिम में ऊंचा सरदार खड़ा,
दक्षिण में सागर पांव पखारती,
जय भारती, मां भारती,
जय भारती, मां भारती ।
जब ! हुणो ने हुडदंग मचाया,
यूनानो ने चूमी थी धरा,
तब! गुप्त-मौर्या ने शस्त्र उठाया,
लहू से लाल किया था धरती,
जय भारती, मां भारती,
जय भारती, मां भारती ।
अंग्रेजो ने उधम मचाया,
पानी सर ऊपर आया,
भगत-लक्ष्मी ने शीश चढ़ाया,
सीना ताने खड़ा रहा अहिंसक-शांति,
जय भारती, मां भारती,
जय भारती, मां भारती ।
सिंधु-हुगली-नर्मदा-कावेरी का जल,
वादियों से फूलो का हार,
निच्छावर कर अपना संसार,
स्वयं का बलिदान करू हे भारती,
जय भारती, मां भारती,
जय भारती, मां भारती ।
Written by #atsyogi (16/02/2021)
🇮🇳🇮🇳 super 🙏🏻🙏🏻
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ReplyDeleteSuper 👏👏
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