"तितली"(कविता)

तितली रानी

 तितली रानी

लगती तो हो छोटी 

लेकिन बुद्धि से तुम

 बड़ी सयानी

तेरी   मस्ती चंचलता की 

होती है अनन्त कहानी!!


पंखे लेकर धानी आसमानी

किस देश से आती हो,

  सुमन मृदु रस 

चख-चख कर

मन्द -मन्द मुस्काती हो!!


 हल्की कोमल काया तेरी

 रेशम से भी नाजुक होती

फूलों पर अटके शबनम 

बून्द से अपने पंखे धोती

भीग कर गिर जाती हो

भयभीत तुम हो जाती हो

 

सतरंगी रंगों में रंग कर

इठलाती चली आती हो

इंद्रधनुष के रंगों से 

बोलो क्या रंग चुराती हो!


कली-सुमन पर भौंरों के संग 

मधुरस संचय करती हो

 साँझ ढ़ले उड़ जाना है

 मिल के निर्णय करती हो 

 तितली रानी

 तितली रानी

खूबसूरत पंखों की रानी

तेरी मस्ती- चंचलता की 

होती है अनन्त कहानी !!

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