"रचना"(कविता)
छोटी सफलता में खुश हो, कहां तेरा ध्यान है
ये तो तेरा पहला कदम है, छूना आसमान है
सब बैठे रहे, तुमने अंधे को सड़क पार कराई
काम छोटा था,पर लक्षित हैं,इरादे तेरे महान हैं
अभी तो बादल पार किए हैं बहुत दूर जाना है
परों को संभाले रखो, चांद तक तेरी उड़ान है
अमृत दूसरों को दे कर, उनका गरल पीते हो
तुम नहीं रुकने वाले हो, यह हमारा ऐलान हैं
वाह, अपनी आंखों में बसाते हो गैरों के आंसू
बातें तेरी बातें नहीं, ये तो खुदा का फरमान है
रोज तुम जीते हो ओर मरते हो औरों के लिए
तेरा समग्र व्यक्तित्व, इंसानियत का अरमान हैं
बेशक मुझे पूरा यकीन है तेरी काबिलियत पर
भेद दोगें लक्ष्य तुम, हाथों में तेरे तीर कमान है
हश्र हमने देखा कंस का,रावण का,सिकंदर का
मिट्टी हो गये,फिर इंसान को काहे का गुमान हैं
मेरे सारे दोस्त अरबों में खेल रहे हैं, बेईमानी से
मैं इन सब से मालामाल हूं मेरे पास ईमान है
नेहरु काॅलोनी फालना
जिला पाली राजस्थान
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