"इतिहास गवाह है"(कविता)
मानव हीं मानव पर
दोषारोपण मढ़ते आया है
नफरत मित्रवत किस्से से
इतिहास गढ़ता आया है!
है सर्वविदित इतिहास
भूतकालीन कागज पर
बड़े -बड़े योद्धा भिड़े
सरहद-ए जमीं के दो गज पर !!
कपटी -कपट से
विजय को पाए
कुकृत्य कर्म और
घृणा फैलाये !!
कितने बन बैठे बादशाह
सतरंजी दाव आजमा कर
प्रतिद्वंदी को किये पराजित
तीर-ए घाव लगा कर !!
प्रत्यक्ष है प्रमाण दिखता
अजर-अमर कहानी में
भीरू-सर्वनाश हुए
दुश्चिंतन, नादानी में
आत्महत्या कर बैठे
बाद--आत्मग्लानि में!!
अतीत के पन्नों की चमक
स्वर्णिम अक्षर-अक्षर अंकित
कालजयी पद्चाप धमक
भयभीत और सशंकित !!
शूल भरे पथ पर अग्रसर
भोर ,दोपहर ,साँझ ,निशा
लहू से लथपथ घायल पग
लेकिन मनः जय की जिजीविषा!!
कितनों ने भोगा
दंड कठोर
कितनों ने भागा
शीघ्र रणछोड़ !!
कितनों ने तोड़ा हिम्मत से
उद्देश्य -पथ के अवरोध
कितनों ने कुनीतियों का
जीवन-पर्यंत किया विरोध !!
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