"विरह-गीत"(बरखा-गीत)
झमाझम बरसै बदरिया हो नाहीं आयिनि संवरिया ।
लह-लह लहरै डगरिया हो नाहीं आयिनि संवरिया ।।
पवन झकोरै जौ सिहरनि लागै
सगरी देहियां म भलु पीरा जागै
रहि- रहि भभकै सेजरिया हो नाहीं आयिनि संवरिया ।। लह-लह लहरै-----
यादु सतावै यैसि चिहुँकु जायि छाती
केहिका बिसूरै जिया हौ बहु कलपाती
सहमि-सहमि जायि निंदरिया हो नाहीं आयिनि संवरिया ।।
लह-लह लहरै------
जुगनूँ राह-डगरि चमकावैयिं
दादुर-झींगुर बहु शोर मचावैयिं
छमाछम बाजतु पयलिया हो नाहीं आयिनि संवरिया ।। लह-लह लहरै-------
लरिकनु छपाछपि अंगना म खेलैयिं
कगजे कै नैइया भलु पनिया मेलैयिं
लुकाछिपी खेलतु नजरिया हो नाहीं आयिनि संवरिया ।।
लह-लह लहरै-------
भूलि गयिनि सबै सजना-संवरना
कबु लौटि अउब्या अहै ईहै झंखुना
तकि-तकि हारीं नजरिया हो नाहीं आयिनि संवरिया ।।
लह-लह लहरै-------
झमाझम बरसै बदरिया हो नाहीं आयिनि संवरिया ।
लह-लह लहरै डगरिया हो नाहीं आयिनि संवरिया ।।
nice....
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