"तुम हो तो मैं हूँ"(कविता)
तुम हो तो मैं हूँ,
तुम बादल तो बरसता सावन मैं हूँ।
तुम पर्वत तो बहता झरना मैं हूँ।
तुम हो तो-----
तुम दिन तो रात मैंहूँ।
तुम आसमान तो चमकता तारा मैं हूँ।
तुम हो----------
तुम पंछी तो चहचहाहट मैं हूँ।
तुम हृदय तो धड़कन मैं हूँ।
तुम हो तो----------
तुम सांसे तो जीवन में हूँ।
तुम हर रोज चमकता सूरज तो किरण मैं हूँ।
तुम हो तो----
तुम चन्दा तो चाँदनी मैं हूँ।
तुम नक्षत्र तो दिशा मैं हूँ।
तुम हो तो---
तुम फूल तो खुशबू मैं हूँ।
तुम मंजिल तो रास्ता मैं हूँ।
तुम हो तो मैं हूँ।
Written by कुमकुम गंगवार
superb... nice...
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