"सावन-कजरी"(गीत)
सावनु बरसैयि जिया बहु उरझैयि सखि मोरु सजनवां आयिनि ना ।
हमरौउ मरदा भयिसि बेदरदा ई कैसि करमवां पायिनि ना ।।
बैरनि कोयिलरि न सबरि धरैइया
कुहू-कुहू निगोड़ी बोलयि अमरैइया
लागिनु येहुकै बोलु कटारी कबौ सुखनिंदिया सोयिनि ना ।। हमरौउ
आंगनु म गौउरैइया चहकैयि
मनवा मोरा रहि-रहि बहकैयि
आंखिनु बहतु पनारो यैइसों केउसों दरदिया मोयिनि ना ।। हमरौउ
संगु कैयि गोतीनिनु नीमीं झूला डरावैयिं
केउ गावैयिं कजरी मल्हारि केऊ गावैयिं
साजनु मोरा भयिसि विदेसिया केऊ झुलनवा झुलायिनि ना ।।
हमरौउ
सावनु बरसैयि जिया बहु उरझैयि सखि मोरु सजनवां आयिनि ना ।।
हमरौउ मरदा भयिसि बेदरदा ई कैसि करमवां पायिनि ना ।।
Written by ज्ञानेन्द्र पाण्डेय
nice....
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