"सवालें"(कविता)
क्या न दुनिया प्यारी ?
स़च़ की कैसी क्यारी ,
तितलियों की क्या तैयारी ?
चंदा अब किसको मारी ,
नदियां है किससे हारी ?
सवालें क्यों हैं भारी ,
कातिल नयना क्या न्यारी ?
अदालतों की तो बारी ,
सितारों की कहाँ मारामारी ?
प्यासी मछलियां कैसे जुगाड़ी ,
मांझी क्या है अनाड़ी ?
कश्तियों पे किसकी खुद्दारी ,
परछाइयों तक क्यों मदारी ?
दो कौड़ी की लाचारी ,
अंधभक्ति की करें सवारी ।
आईने की कहाँ गद्दारी ,
जुगनुओं हेतु क्या जारी ?
निरंकुशता पे प्रियतमा आभारी ,
सत्ता मानो नयी नारी ।
विषकन्याओं की क्या उधारी ,
इश्क - वित्तवासना में क्या-क्या आज्ञाकारी ?
देहों पे तो महामारी ,
क्यों ठगी और कालाबाजारी ?
कविता क्या है मांसाहारी ,
निःशब्दता है क्या शाकाहारी ?
अकेला सूरज की खुमारी -
श्रृंगारों से कशिशें हाहाकारी ।
निचोड़ी निशानी कहानियाँ सारी ,
यूं अबला किसे पुकारी ?
मुक्ति की युक्ति अहितकारी ,
यातनाओं की क्यों झाड़ी ?
दिलों पे सहरा अनिच्छाधारी ,
क्यूँ मुंहजोरी की पारी ?
क्या निजी और सरकारी ,
रोटियां हेतु क्या - क्या चमत्कारी ?
Superb......
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