"संघर्ष"(कविता)

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लोग हम से जलते रहते रहे पर हम 

अपने संघर्षो पर चलते रहते रहे । 

बढ़ते कदम रुकते नहीं,सर कभी 

झुकते नहीं। संघर्ष कि दुनियाँ है,

अपनी नाकारात्मक सोच दिल में नही। 

जलने वाले जलते रहे,लोगों के दिल में 

हम खलते  रहे।

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हम खुद पर खुद अहसान जता लेंगे। 

संघर्ष से हम बुॅझी, चिराग जला लेंगे। 

अमीरों के दर का हम मोहताज़ नही 

संघर्ष से अपनी किस्मत बना लेंगे।

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जीवन एक  संघर्स  है,ये  मेरा   संघर्ष है।

सफलता के मार्ग कठिन है,ये मेरा विमर्श है।

जीवन का पथ बदल सकता है ,जो चल कर 

संघर्षों पर दु:ख को सुख मे बदल सकता  है।

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बचपन से  संघर्ष  का  नाता  है।

किस्मत और तक़दीर यही बनाता है। 

जिस   ने  इसे  अपनाया  है,

ना कभी जीवन में  पछताया है।

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संघर्षशील मानव का लोग  एहतराम करते है।

आज लोग  सफलता  को  सलाम  करते है।

जलने वाले जलते रहे, हम संघर्षो पर चलते रहे।

लिख देते तक़दीर हाथों से जो संघर्षो पर चलते रहे। 

Written by अली अंसारी

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