"सदी की त्रासदी: कोरोना"(कविता)
अब जिद मत कर मानव! मान जा,
सदी की त्रासदी है यह, तू जान जा,
वैश्विक महामारी है यह,पहचान जा,
कहर बरपा रहा,सो हो सावधान जा,
शहर- 2उजडे,बदले यूॅ शमशान जा,
नजारा देखना,तो नदी के उफान जा।
।1।
यह दिखे नहीं,पर कालों का काल है,
मास्क पहनो!पीछे देखो महाकाल है,
सावधान !निगले बन मृत्यु अकाल है,
गाँव,शहर,खेत,मेड पर फैला जाल है,
न देखे गरीब अमीर,ये ऐसा दुकाल है,
खींचता हूँ दोस्त,पीछे देख कंकाल है।
।2।
Written by ओमप्रकाश गुप्ता बैलाडिला
किरंदुल, दंतेवाड़ा, छ0ग0
nice...
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