"नन्ही सी जान"(कविता)

एक नन्ही सी जान

करती है बहुत सारे सवाल 

होठों पर मुस्कुराहट 

उसकी आंखें करती हैं सवाल

जिनका नहीं है हमारे पास जवाब 

कभी सिर नीचे कर लेना 

कभी बात को टाल देना

यही था हमारा जवाब

 छोटा सा था उसका सवाल 

लेकिन जवाब नहीं था आसान

लेकिन किसी के पास

 नहीं था उसका जवाब

अब उसे आंखें मिलाना

 नहीं था आसान

क्योंकि उसकी आंखों

 मैं फिर से थे वही सवाल

उसके हाथ लगते थे सिर्फ निराशा

लेकिन उसको था विश्वास

एक दिन मिलेगा हमको जवाब।

Written by लेखिका नेहा जायसवाल

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