"कीमतें -2"(कविता)

पृच्छा किया अजनबी क्यूँ कीमतें ,

सरोवर में कितना पानी है ?

जिंदगी में ठहरें कितने रास्तें ,

आगे बता कि कौन बेघर है ?

बाजारों में कैसे फटा खतें ,

मछलियों में क्या जहर है ?

कहाँ से आखिर आयेंगे फरिश्तें ,

कमलों को क्या डर है ?

कितना रंग हैं यारों बदलते ,

इश्क और वासना सफर है ?

हुस्नों पे क्यूँ  आईना रमते ,

आग और जिस्म़ समंदर है !

लम्हें क्यूँ नहीं सहमते ,

क्या खिलौना अम्बर है ?

जुल्फों पे कहानियां कसरतें ,

कीचड़ों में तभी लहर है ।

परतों पे कितने परतें ,

ममतामयी आंखों पे कसर है !!

अपेक्षा पे क्या सुमरते ,

उपेक्षा की नाचें घर-घर है !!!

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