"घटा"(कविता)
हांलाकि उपमा खाली क्यूँ पानी -पानी ?
मुग्धता में क्या अता -पता आनाकानी ,
दिया क्या जिंदगी को कहानी ?
जनाजों पे राजनीति तौब़ा-तौब़ा बेपानी ,
सहरा की धूमिल़ ख्वाहिश़ बेजुबानी ।
महलों से निकली मीरा दीवानी ,
कलयुगी दुनिया तक क्या सयानी ?
शतरंजी कारवां से कितना हानि ,
फकीरों से क्या अपेक्षा प्राणी ?
चंदा पकड़ी क्या चिड़िया सुहानी ,
काली घटा क्या -क्या ठानी ?
रूपवती न कभी थी दानी ,
गुणवती की है आखिरी वाणी ?
इश्क नहीं है प्रियतमा गुमानी ,
आईना और आग क्या कोनाकानी ?
स़़च़ को क्यों कहा बदजुबानी ,
परछाइयों पे बेरूखी क्या असावधानी ?
महफिलों में दवा ,मेहरवानी , सावधानी -
झोपड़ी में क्या कभी मनमानी ?
निशा में किसकी निशानी हैवानी ,
छतरी ले किया कौन मेजबानी ?
मृगतृष्णा की क्यों है खींचातानी ,
हाशिये पे मछलियां क्यों अनजानी ?
पर्दा हेतु खुट्टी था खानदानी ,
तानी-भरनी में हिरणी क्या छानी ?
सितारों संग क्या अम्बर आसमानी ,
शूलों पे चलना क्या आसानी ?
गुजारिशों से पहले हीं कटानी ,
गर्दिशों में हरकतें क्या बचकानी ?
Superb......
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