"बात तो कर"(कविता)
गुस्से को थूक दे जरा बात तो कर
मेरा न सही मोहब्बत का मान तो कर
तेरा यू खामोशियों से घेरा चेहरा अच्छा
नही लग रहा होंठसे कोई हरकत तो कर
अब और ना तड़पा न ले इम्तिहान मेरा
गलति की सज़ा दे मूझे माफ तो कर
तेरा गुस्सा जायज़ है पर थोड़ी इस
नादान दिल की थोड़ी फिक्र तो कर
भीगीं पलकें लेकर इस हाल में हम कहा
जाए हो सके तो थोड़ी बात तो कर
तुम ही हो जिसे मेरा हाल ए दिल पता
है अब और हमें टूटने पर मजबूर न कर
Written by नीक राजपूत
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