"विश्वास है :छटेंगा तमस घनेरा"(कविता)
धडकती धडकनों के प्यार का उन्माद से ,
साँसों में अपनत्व के ताप का आभास हो,
संवेदना से जंग विजय होने के जज्बात से ,
अपनत्व में आपस के विश्वास की बात हो।
तमस घनेरा छॅट जायगा चाँदनी स्वागत से,
बहती हवा में सोंधी महक का अहसास हो।
।1।
रहें हर जीवन की अधिक बचाने का प्रयास,
इस जिंदगी के सार के समझ का प्रकाश हो,
गर लौट चलें अपने बीते पल के धरातल को,
हर गोद में गर्माहट और ममता की प्यास हो,
तमस घनेरा छॅट जायेगा प्यार भरे सौगात से,
मानवता के तंग जमीं पे ऑगन की तलाश हो।
।2।
जीवन बदला तेजी से जो मापा इसे समय संग,
बहुतक खोया हमने,अनंत नियति से विलग हो,
विकास के मानक मिले,पर न रही वो बात अब,
खोई अखंडता पाने का ये फिर सच्चा प्रयास हो,
तमस घनेरा छॅट जायेगा,यूँ मानव के जज्बात से,
भूले अर्थ भाव में आये,फिर जीवन का स्वाद हो।
।3।
Written by ओमप्रकाश गुप्ता बैलाडिला
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