"समय फिर आएगा"(कविता)

 खतरों  के  पार  जाना  होगा

एक नया सूरज उगाना होगा


श्मशानो में जगह बची नहीं

मुर्दों का कहां ठिकाना होगा


जिंदगी  मौत  से हारी  नहीं 

यह  विश्वास  जगाना  होगा


काट  दिए  जंगल  के जंगल

नया   जंगल  उगाना   होगा


उठ, बैठ, खड़ा हो फिर लड़

जीवन   फिर  चलाना  होगा


अब  दो  गज दूरी  है जरूरी

हर वक्त मास्क  लगाना होगा


हाथ  धोना, वेक्सीन  लगाना

घरों तक  सीमित रहना होगा


अच्छा  समय  फिर  आएगा

लोगों को यह समझाना होगा

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