"धैर्य"(कविता)
मुश्किल है वक्त
थोड़ा धैर्य से काम लो
रास्ते है उबड़ खाबड़
थोड़ा संभल कर चलो
एक दिन वह वक्त आएगा
हमारे हाथ भी कुछ ऐसा लग जाएगा
हर खेल को धैर्य से जीता जाएगा
यही सोच हर वक्त काम आएगा
इसी सोच से बहुतो को
इंसाफ मिल जाएगा
लड़ाई है इसी समाज से
मुश्किलें हर वक्त आएगा
सच को हथियार बना के
हर लड़ाई को जीत जाएगा
लिखा है पुराणों कथाओं में
सच कभी पराजित नहीं हो पाएगा
हर वक्त सच का ही जीत होगा
लेकिन कुछ वक्त लग जाएगा
सच्चाई की यही परीक्षा है
सच हर वक्त हमें अजमा एगा
इसीलिए चलो संभल के
नहीं तो धैर्य मिट्टी में मिल जाएगा
कुछ वक्त लगेगा
सब सही हो जाएगा
धैर्य ही हमें उस रास्ते पर ले जाएगा।
Written by लेखिका नेहा जायसवाल
nice........
ReplyDeleteNyccc.
ReplyDeleteOsm
Very nycc
ReplyDeleteNice 👍
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