"भारत की शान"(कविता)

हाथों में तलवार है

दिल में देश के प्रति प्यार है

लड़ जाने को भी तैयार है

ना जान की परवाह है

सीने पै खा के गोली

मुंह पर भारत माता का नाम है

हम ही वीर जवान हैं

आंखों में ना है आंसू

ना है पैर लड़खड़ाते

इसलिए तो बॉर्डर पर 

तैनात खड़े हो जाते

ना है जान की डर

 ना अंधेरों से घबराते

माथे पर डर का

सीकन तक ना आने देते हैं

देश के प्रति वफादार रहने

का प्रतिज्ञा दे जाते है

मां के आशु तक नहीं पोंछ पाते है

जब आगे चलते हैं

तो पीछे मुड़ के नहीं देख पाते है

अपनों के प्रति दयावान हो जाते हैं इसीलिए कभी नहीं घबराते हैं

इसी लिए देश के प्रति

 हमेशा लड़ जाते हैं

अपनों के प्रति परवाह

भारत माता की शान बनना चाहते है

इसीलिए तो हम

वीर जवान कहलाते हैं

Written by लेखिका नेहा जायसवाल

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