"नशा इश्क का"(कविता)
इश्क के लम्हों से जब गुजरती है जिंदगी,
हर मौसम को खुशगवार बनाती है जिंदगी ,
प्यार की होती है कौन सी उम्र यारों ,
हर उम्र में अपनी तलब दिखाती है जिंदगी ,
अब तो हर उम्र है मयखाना शराब का,
हर पैमाने को शिद्दत से भर्ती है जिंदगी ,
प्यार किसी प्रेमी का मोहताज नहीं होता ,
इसे हर रिश्तो से उलझती है जिंदगी,
चढ़ती उम्र हो या उतरते जीने का सफर ,
आशिके इश्क का एहसास कराती है जिंदगी,
कभी सम्मान दे मदर टेरेसा बनाकर ,
कभी मजनू बना लहूलुहान कर जाती है जिंदगी,
अपने इश्क में जरा विचारों की इतर मिला लेना ,
फिर तबीयत से आशिक बनाती है जिंदगी ,
प्यार किसी उम्र किसी रिश्ते का मोहताज नहीं ,
अपने असली तत्व से मिलाती है जिंदगी,
एहसास ए प्रेम में भगवान भी झुक जाते है,
भक्त का भगवान भी करते है बंदगी।
Written by मंजू भारद्वाज
kya bat hai manju ji... superb...
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