"मुक्तक"

कृष्ण से प्रेम कर राधिका हो गई !

साधना सिद्ध कर साधिका हो गई !

मेरे तन में समाई है प्रकृति से वो!

पूज्य अंगुलि मेरी अनामिका हो गई !


राम के भक्त प्यारे हनुमान हैं !

रुद्र अवतार शिव के हनुमान हैं !

जन्म देकर हुईं धन्य मां अंजना !

केसरी के नन्दन वो हनुमान हैं! 


चैत्र नवमी को जन्मे थे श्री राम जी !

काटे जन जन के दुःख थे श्री राम जी !

मैं हूं करता नमन मर्यादा की प्रतिमूर्ति को !

मेरे तन मन हृदय में हैं श्री राम जी !

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