"मोरे पिया"(गीत)


अबकी सावन जमके बरसे,

मोरे पिया मिलन आ जाये।।


ऐसा शमा कहाँ,

जो इस धरती पर।।


सोंधी मिटटी की खुशबू,

हर एहसास में प्यार ।।


बादलों का फिर बरसना,

रिमझिम फुहारों में भीगना।।


गोरी का मनभावन पिया,

पिया की सजनी का प्यार।।


ऐसा मिलन होवे सावन में,

एक पिया और सजनी का।।


मोरे पिया मोरे आँगन में ,मैं

बैठी  पिया को देखु निहार।।


मोरे अँगना मोर नाचे झूमे,

मैं तोर बलैयां लू उतार ।।


अबकी सावन जमके बरसे,

मोरे पिया मिलन आ जाये।।


मैं सिमटी सी दुल्हन सेज पर,

पिया मोरे करे मुझे दुलार।।


अबकी सावन जमके बरसे, 

मोरे पिया मिलन आ जाये।।

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