"बेपनाह मोहब्बत"(कविता)

तुमसे बेपनाह मोहब्बत

तुम्हें ये ही जताएंगे


तुम्हरा साथ न मिले जिंदगी में

तो किसी और के हाथो

अपना हाथ न देे पाएंगे


तुमसे मोहब्बत है

तुम्हें ही पाना चाहेंगे


इस कदर की तुम्हारे सीवा

किसी और पे अपनी नजर

न टीका पायेंगे


तुम्हरे सिवा किसी और पर

अपना प्यार ना जमा पाएंगे


अगर तुम नहीं मिले जिंदगी में

तो हम ऐसे ही घुट घुट के मर जायेंगे

Written by दीपक कुमार

Comments

  1. Replies
    1. Thank you mam aapne hmee shi raste pe chalne ki sikh di hai aur hamra sath diya

      Delete

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