"अनमोल जहांन है"(कविता)

प्रकृति की मनोहर छटा है।

रंग बिरंगी दुनिया हरा भरा है।।


प्रकृति हमे अनमोल धरोहर देती है।

प्रकृति ही हमे जीवन,खनिज देती है।।


प्रकृति के बिना कोई एहसास नही।

धूप नही,छाँव नही,बसंत नही।।


प्रकृति है, तो सावन है।

प्रकृति है, तो पतझड़ है।।


नदियाँ, पहाड़, झरने, पेड़ है।

प्रकृति है,तो खेत, खलियान है।।


प्रकृति है,तो हम तुम खुशहाल है।

प्रकृति है,तो साहिल समँदर है।।


प्रकृति है, तो धरा,आसमान है।

प्रकृति है,तो अनमोल जहांन है।।


प्रकृति के अनेक, हमपर ऐहसान है।

प्रकृति के बिना,सब कल्पना मात्र है।

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