"राधा संग होली"(कविता)
लाल लाल रंग लाल गोपिन के डाल डाल
कर दये मोहन नेें गोरे गोरे गाल लाल
लाल लाल है गुलाल खेले संग गुआल बाल
करतइ बबाल देखो कैसो नंदलाल
लाल लाल माल भई राधा मालामाल भई
सॉवरे को पिरेम आज है मिलो बेमिसाल
बेमिशाल माधो ने चल चल चपल चाल
खेली ऐसी होली कै मन को मिटो मलाल
Written by डा० अरुण नागर
Holi hai... Super ❤️...
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