"महंगाई की मार"(कविता)
कभी लागू होता है जीएसटी
कभी बढ़ जाते हैं पेट्रोल के दाम
इलेक्ट्रॉनिक वाहन लाने की योजना
क्या यही है महंगाई की मार।
कभी लागू होती है नई शिक्षा नीति
किसी साल मिलती फ्री की चीज है
किसी दिन बढ़ जाते हैं उसका दाम
क्या यही है महंगाई की मार।
कभी उत्पाद में होती है बढ़ोतरी
फिर भी बढ़ जाते हैं उसके दाम
विधानसभा में होती है इसकी चर्चा
फिर भी नहीं समाधान
यही है महंगाई की मार
या कुछ और है महंगाई की मार।
कभी करोना से लड़ने की जंग
दो चक्की में पीस जाता है समाज
क्या यही है हमारी सरकार
क्या ऐसे ही रहेगी महंगाई की मार।
Written by #लेखिका_नेहा_जायसवाल
विधानसभा में होती है इसकी चर्चा, फिर भी नहीं समाधान
ReplyDeleteBahut badhiya....