"क्यों ??"(कविता)
बेबस नही लाचार नहीं
सदियों से व्यभिचारियों का शिकार हूँ मैं क्यों??
क्योंकि स्त्री हूँ मै !!!
महिला दिवस मनाये जाते हैं क्यों??
जब पुरुष मानसिकता का शिकार हूँ मै
क्योंकि स्त्री हूँ मै !!!
माँ हूँ, बहन हूँ, बेटी हूँ तब क्यों
बंधनों, परंपराओं में जकड़ी हूँ मै
क्योंकि स्त्री हूँ मै !!!
मुझे उड़ना है उन्मुक्त आसमान में, रोकते हो क्यों ??
रौंदते हो क्यों ??
क्योंकि स्त्री हूँ मै !!!
उन्मुक्त उड़ान को हर काल में तरसती हूँ.. क्यों ? ?
क्योंकि स्त्री हूँ मै!!!
क्योंकि स्त्री हूँ मै !!!
Written by अनुपमा सोलंकी
Superb 👍... Heart ❤️ touching
ReplyDeleteThnx sts yogi ji
ReplyDeleteThnx sahity lover
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