"गुजर जाएगा"(कविता)
दौरे मुश्किल है, तो गुजर जाएगा,
बाद स्याह रात, कल सहर आएगा।
गुल जो बिखर गये गुलशन के आज,
गुलिस्ता फिर कल सवर जाएगा।
सच बदलता नहीं मुकर जाने से आकुल,
क्या हुआ जो तू मुझसे नजर छुपाएगा।
हौसला है तो हर ख़ुशी है कदमो पे,
बढ़ा कदम तू सब कर गुजर जाएगा।
मौत तो आनी है, इक रोज सभी को,
तो क्या, वक्त से पहले ही गुजर जाएगा।
Nice
ReplyDeleteJi gujar jayega...
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