"फ़िज़ूल की बातें"

 ये लोग जो इधर-उधर की बातें करते हैं,

सब के सब फ़िज़ूल की बातें करते हैं 


ख़ुद के गुनाह पर्दे में ऱखकर घूमते हैं जो,

वहीं सब मेरी हर भूल की बातें करते हैं


आईने जो दिल के अपने साफ़ ना कर सकें,

दर पर अपने जो इंसाफ़ ना कर सकें


गिरेबां ख़ुद का मेला पड़ा हैं जिनका,

वो लोग मेरे चेहरे पर पड़े धूल की बातें करते हैं


ये लोग जो इधर-उधर की बातें करते हैं,

सब के सब फिज़ूल की बातें करते हैं

Written by #अविनाशरौनियार

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