"एक उम्मीद की किरण "(कविता)


जब मुसीबत से घबरा जाते,

हौसला बढ़ा देती,

अंधेरों में भी उजाला कर देती,

जब हार के बैठ जाते,

नजर आती,एक उम्मीद की किरण। 


अपने आप पर से भरोसा उठ जाता,

फिर उठने की सलाह दे जाती,

हौसलों को कभी टूटने नहीं देती,

जब अंधेरों से डर जाते,

नजर आती,एक उम्मीद की किरण। 


जब सारे रास्ते बंद हो जाते,

पीछे हटने की कोशिश करते,

डर से लड़ने की ताकत दे जाती,

जब अपने साथ छोड़ जाते,

नजर आती,एक उम्मीद की किरण। 

Written by #लेखिका_नेहा_जायसवाल

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

"जिस्म़"(कविता)

"बेटियाँ"(कविता)

"उसकी मुस्कान" (कविता)

"बुलबुला"(कविता)

"वो रात" (कविता)