"बहुत मुश्किल"(कविता)
मुश्किल नहीं है
कोई ख्वाब नया बुनना,
बहुत मुश्किल नहीं है
कोई नई राह चुनना,
नहीं मुश्किल आँख बन्द करके
आसमान में उड़ना,
या कोई ख्वाब पूरा करना,
ना ही मुश्किल है
कोई चुनी हुई राह पर
आगे बढ़ना
या पंख फैलाकर
खुले आसमान में विचरण करना,
पर मुश्किल होता है
किसी टूटे ख्वाब का
वापस जुड़ पाना,
चुनी हुई राह चलकर
वापस मुड़ जाना,
मुश्किल होता है
उस छूटी हुई राह को
नजर भर देखना,
छोड़कर आसमान
घोंसले में रहना,
किसी सुंदर स्वप्न को
टूटते देखना,
फिर जोड़ने के प्रयास में
खुद उस स्वप्न को
चकनाचूर करना,
मुश्किल ही है
कोई गुम हो चुकी
खुशी को मिलकर
फिर खोते देखना,
हां बहुत मुश्किल है
सहन करना,
तेरा लौटकर आना
और फिर से
मुं फेर कर जाना,
सच में
बहुत मुश्किल है सहना।
Written by रिंकी कमल रघुवंशी"#सुरभि"
पर मुश्किल होता है
ReplyDeleteकिसी टूटे ख्वाब का
वापस जुड़ पाना,
Touching lines...