"खुद को खुद से"(कविता)

 मैं कहीं खो सी गई हूँ

खुद को ढूंढना चाहती हूँ 


मैं कही से रूठ सी गई हूँ

खुद को मनाना चाहती हूँ


मैं कही उदास सी हो गई हूँ

खुद से मुस्कुराना चाहती हूँ


मैं कही ख्यालों में डूब सी गई हूँ

खुद को बाहर निकालना चाहती हूँ


अब मैं खुद को खुद से ही पाना चाहती हूँ


Comments

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  2. Aaj meri Dil ne dastak di hai
    Khud ko khud se bate ki hai

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