शायरी
रहो किसी नशे में मग़र हालात-ए-होश भी जरुरी है
कुछ रिश्तो में लब हमारे ख़ामोश भी जरुरी है
गलतियां जो है ये सुबूत है हमारे इंसान होने की
ख़ुदा न समझे ख़ुद को इसलिए लहज़े में दोष भी जरुरी है
धड़कनो का क्या है चलेंगी जब तक ज़िंदगानी रहेगी
हम न रहेंगे तब भी हवाओ में हमारी कहानी रहेगी
रिश्ते जो बनेंगे दरमियाँ वो हमें ही निभानी रहेगी
इश्क़-ए-एहसास की ख़ातिर सांसे मदहोश भी जरुरी है।
Written by #अविनाशरौनियार
super... #अविनाशरौनियार
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