"गलतियाँ" (कविता)


 

हृदय में कई प्रशन छोड़ जाती है गलतियाँ

किसी से हो जाती है गलतियाँ
तो किसी की महान होती है ___
तो किसी को बर्बाद करती है ___
तो किसी की ना - समझ होती है ___
तो किसी से कराई जाती है ___
तो किसी ने प्रेम में की ___
तो किसी ने नफ़रत में की ___
तो किसी की शस्त्र है ___
तो किसी की व्यवहार है ___
कोई करता है गलतियाँ
तो कोई कराता है ___
तो कोई मजबूर होता है करने को ___
तो कोई हमेशा करता है ___
तो कोई नफ़रत में करता है ___
तो कोई प्रेम में करता है __
तो कोई बर्बाद हो गया करके ___
तो कोई महान बन गया करके ___
तो कोई यु ही नहीं करता ___
क्या है ये गलतियाँ
क्या फूलो जैसी सुगन्धित होती है ___
तो क्या फलो से रसीली होती है ___
तो क्या मजबूरी में होती है ___
तो क्या मै हमेशा करता हूँ ___
तो क्या मैंने नफ़रत मे की वो __
तो क्या वो प्यार मे करता था __
तो क्या वह बर्बाद हुआ करके __
तो क्या उसकी अंतिम थी वो __
क्यों की उसने वो अंतिम गलतियाँ
तो क्यों किसी से हो जाती है ___
तो क्यों उसने बर्बाद की दुसरो को करके __
तो क्यों वह संभल नहीं सकता था करने से पहले ___
तो क्यों विधाता ने बनाई ये ___
तो क्यों अमिट होती है ये ___
तो क्यों कोई षडयंत्र करता है करने को ___
तो क्यों जीवित प्राणी करता है ___
तो क्यों प्रकृति नहीं करती कोई भी ___
हृदय मे कई प्रशन छोड़ जाती है गलतियाँ
Written by #atsyogi

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