"धर्म"(कविता)
धर्म क्या है ? आप कोई कार्य या। किसीका हित करे वही सच्चा धर्म, जो इंसान को इंसान बनाएं, रखता। है सही गलत का अर्थ समजाता है। मनुष्य की मानवता स्थिर रखता है। यदी आप धर्म, और कर्म, के मार्ग, पर चलते है। तो आपकों ईश्वर से, हाथ जोड़कर माँगने की जरूरत, नहीं पड़े गी आपके कर्मो को देख, कर आपकी जोली खुशियों से भर, देगा। धर्म एक अटूट, विश्वास है। धर्म है जो हमें एक होकर रहने की, सीख देता है। धर्म है जो हमारी, मुलाकात इश्वर, से करता है। धर्म, अमर है। धर्म से ही पूरा सँसार है। ईश्वर को पूजने के तरीके अलग, हैं बाकी धर्म एक है ईश्वर, एक है। Written by नीक राजपूत