"युग पुरुष"(कविता)
हर युग मे इक युग पुरुष जन्म लेता है जो हवाओ की दिशा बदल देता है सत्ता के मायने बदल देता है समय की गति बदल देता है हर तूफां का रास्ता बदल देता है ओर सारे संसार को , नई रोशनी , नए नियम नए सिद्धांत , नए ज़िन्दगी के मायने देता है वो भी संघर्षों में पैदा होता है और संघर्षों से जूझता है। जब देवता ही नही बच पाते वो भी नित नए नए संघर्षों से सामना करते हुए आगे बढ़ता जाता है, और नए कीर्तिमान रचता है अपनी विजय के, मगर वो कभी हार नहीं मानता और युगपुरुष बनकर दुनिया के सामने नए सूरज की तरह उदय होता है Written by कमल राठौर साहिल